बार्कलेज ने कहा कि संक्रमण की पहली लहर पर काबू पाने के लिए लगे देशव्यापी लॉकडाउन से मांग और रोजगार पर बुरा असर पड़ा था। दूसरी लहर में महामारी के अधिक निराशावादी परिदृश्य पर अगर शीघ्र नियंत्रण नहीं पाया गया और आवाजाही पर अगस्त तक प्रतिबंध जारी रहा तो वृद्धि दर गिरकर 8.8 फीसदी पर आ सकती है।
वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 10 फीसदी किया
बार्कलेज ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश के आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को 11 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है।
उसके विश्लेषकों ने कहा कि संक्रमण की दर और मरने वालों की तेजी से बढ़ती संख्या के कारण उत्पन्न अनिश्चितता को देखते हुए वृद्धि दर अनुमान में कटौती की गई है।
टीककरण की धीमी रफ्तार भी सुधार की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है। इससे पहले कई एजेंसियां वृद्धि दर अनुमान में कटौती कर चुकी हैं। आरबीआई ने भी कहा कि 2021-22 के दौरान अर्थव्यवस्था 10.5 फीसदी की दर से वृद्धि करेगी।