DRDO district's largest oxygen plant established in ten days at Mandi Zonal Hospital - Good Health
मंडी. कोरोना (Corona Virus) काल में मौजूदा समय में ऑक्सीजन (Oxygen) की भारी कमी सामने आई है. हालांकि, हिमाचल प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी सामने नहीं आई है, लेकिन अब ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए के लिए सरकार प्रयासरत है. 

जोनल हास्पिटल मंडी (Mandi Zonal Hospital) में डीआरडीओ जिला का सबसे बड़ा ऑक्सीजन प्लांट दस दिन में स्थापित करेगा. इस संदर्भ में डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर के निर्देशों पर एनएचएआई और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जोनल हास्पिटल का दौरा किया और प्लांट के लिए जगह चिन्हित की.

दस दिन का टारगेट


एनएचएआई 10 दिनों के भीतर ऑक्सीजन प्लांट के लिए ढांचा तैयार करके देगी जिसमें बिजली की सुविधा भी होगी, जबकि उसके बाद डीआरडीओ इसमें ऑक्सीजन प्लांट की सारी मशीनरी स्थापित करके इसे सुचारू रूप से चलाकर जोनल हास्पिटल प्रबंधन के हवाले कर देगा.
सीएमओ मंडी डा. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि यह प्लांट एक हजार लीटर प्रति मिनट की दर से ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा और इससे हास्पिटल में उपचाराधीन मरीजों को बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि प्रशासन के निर्देशों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर नवीन मिश्रा और जोनल हास्पिटल के एमएस डा. डीएस वर्मा के साथ उन्होंने खुद संयुक्त दौरा करके जगह का चयन कर लिया है.

नेरचौक मेडिकल कॉलेज में बनाया प्लांट

बता दें कि मंडी जिला के नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में 500 लीटर प्रति मिनट की दर से ऑक्जसीन का उत्पादन करने वाला प्लांट पीएम केयर्स की तरफ से हाल ही में स्थापित किया गया है, जबकि अब जोनल हास्पिटल में एक हजार लीटर वाला प्लांट लगने वाला है. यह सरकारी क्षेत्र का जिला का सबसे बड़ा प्लांट होगा. सीएमओ मंडी डा. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के डीआरडीओ की तरफ से प्रदेश के लिए 6 ऑक्सीजन प्लांट मंजूर किए गए हैं जिनमें से एक जोनल हास्पिटल में लगने जा रहा है.

100 बिस्तरों वाला एमसीएच भी बहुत जल्द सुचारू होने वाला है

बता दें कि अभी तक 90 बिस्तरों वाले जोनल हास्पिटल मंडी में सिलेंडरों के माध्यम से ऑक्जसीन की सप्लाई की जाती है जबकि 100 बिस्तरों वाला एमसीएच भी बहुत जल्द सुचारू होने वाला है, जिसके बाद हास्पिटल में बिस्तरों की संख्या बढ़कर 200 तक पहुंचने वाली है. कोरोना के मौजूदा समय और भविष्य में यह प्लांट काफी ज्यादा मददगार साबित होने वाला है.

DRDO district's largest oxygen plant established in ten days at Mandi Zonal Hospital

मंडी. कोरोना (Corona Virus) काल में मौजूदा समय में ऑक्सीजन (Oxygen) की भारी कमी सामने आई है. हालांकि, हिमाचल प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी सामने नहीं आई है, लेकिन अब ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए के लिए सरकार प्रयासरत है. 

जोनल हास्पिटल मंडी (Mandi Zonal Hospital) में डीआरडीओ जिला का सबसे बड़ा ऑक्सीजन प्लांट दस दिन में स्थापित करेगा. इस संदर्भ में डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर के निर्देशों पर एनएचएआई और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जोनल हास्पिटल का दौरा किया और प्लांट के लिए जगह चिन्हित की.

दस दिन का टारगेट


एनएचएआई 10 दिनों के भीतर ऑक्सीजन प्लांट के लिए ढांचा तैयार करके देगी जिसमें बिजली की सुविधा भी होगी, जबकि उसके बाद डीआरडीओ इसमें ऑक्सीजन प्लांट की सारी मशीनरी स्थापित करके इसे सुचारू रूप से चलाकर जोनल हास्पिटल प्रबंधन के हवाले कर देगा.
सीएमओ मंडी डा. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि यह प्लांट एक हजार लीटर प्रति मिनट की दर से ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा और इससे हास्पिटल में उपचाराधीन मरीजों को बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि प्रशासन के निर्देशों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर नवीन मिश्रा और जोनल हास्पिटल के एमएस डा. डीएस वर्मा के साथ उन्होंने खुद संयुक्त दौरा करके जगह का चयन कर लिया है.

नेरचौक मेडिकल कॉलेज में बनाया प्लांट

बता दें कि मंडी जिला के नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में 500 लीटर प्रति मिनट की दर से ऑक्जसीन का उत्पादन करने वाला प्लांट पीएम केयर्स की तरफ से हाल ही में स्थापित किया गया है, जबकि अब जोनल हास्पिटल में एक हजार लीटर वाला प्लांट लगने वाला है. यह सरकारी क्षेत्र का जिला का सबसे बड़ा प्लांट होगा. सीएमओ मंडी डा. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के डीआरडीओ की तरफ से प्रदेश के लिए 6 ऑक्सीजन प्लांट मंजूर किए गए हैं जिनमें से एक जोनल हास्पिटल में लगने जा रहा है.

100 बिस्तरों वाला एमसीएच भी बहुत जल्द सुचारू होने वाला है

बता दें कि अभी तक 90 बिस्तरों वाले जोनल हास्पिटल मंडी में सिलेंडरों के माध्यम से ऑक्जसीन की सप्लाई की जाती है जबकि 100 बिस्तरों वाला एमसीएच भी बहुत जल्द सुचारू होने वाला है, जिसके बाद हास्पिटल में बिस्तरों की संख्या बढ़कर 200 तक पहुंचने वाली है. कोरोना के मौजूदा समय और भविष्य में यह प्लांट काफी ज्यादा मददगार साबित होने वाला है.

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